Saturday, October 10, 2009

बी० ए० /बी०एस०सी०/ बी०काम० में संस्कृत विषय के पाठ्यक्रम का पुनः संयोजन


बी० ए० /बी०एस०सी०/ बी०काम० में

संस्कृत विषय के

पाठ्यक्रम का पुनः संयोजन

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र

प्रस्तुति

संस्कृत विभाग,सनातन धर्म कालेज (लाहौर),अम्बाला छावनी।

कारण / उद्देश्य

. उपयोगिता,

. सार्थकता,

. प्रासङ्गिकता,

. वर्तमान परिस्थितियों के प्रति अनुकूलता,

. यथार्थपरकता

. आजीविका

. वैचारिकता

. जीवन दृष्टि

. जीवन पद्धति

१०. छात्रों के प्रति जवाबदेही [उत्तरदायित्व]

११. छात्रों का व्यक्तित्व निर्माण

१२. संस्कृत की प्रतिष्ठा [औद्योगिक एवम् सामाजिक]

१३. संस्कृत की उपलब्धियाँ

१४. रुचिरता

१५. आकर्षण [ग्लैमर]

१६. स्मार्ट एवम् डायेनेमिक

१७. अग्रसरता एवम् परिवर्तनशीलता

१८. मार्किट डिमाण्ड

ध्येयलक्ष्य

आजीविका-प्राप्ति एवम् आत्मशंसी

अध्यापन-विधि-निर्देश

. प्राध्यापक कक्षा में पाठ्यक्रम के विषय का सन्दर्भ, प्रश्न, समस्याएँ, मूल्याङ्कन एवम् समालोचना स्पष्ट करें।

.परीक्षा में केवल समसामयिक विचारनिष्ठ प्रश्न होंगे।

बी० ए० प्रथम वर्ष प्रथम सेमेस्टर- [९० अङ्क, +६ कक्षा]

वैचारिक/ सैद्धान्तिक- ५० अङ्क

. अन्तःकरण-विज्ञान (मनोविज्ञान) [संकलित शास्त्र]

. इतिहास [संस्कृत साहित्य वैदिक एवम् लौकिक]

प्रायोगिक- ४० अङ्क

सङ्गणकीय संस्कृत [बरहा ७.० साफ़्टवेयर द्वारा वर्ड, एक्सल, पावर पाँईट]

.शब्द रूप, . धातु रूप [पांच लकार में], . स्वर सन्धि, . अलङ्कार

[वर्ड, एक्सेल में टाईप कर के दिखाना और किन्हीं दो विषयों पर पावर-पाँईट बना कर प्रस्तुत करना]

बी० ए० प्रथम वर्ष द्वितीय सेमेस्टर- [९० अङ्क, +६ कक्षा]

वैचारिक/ सैद्धान्तिक- ५० अङ्क

. समाज-विज्ञान [संकलित शास्त्र]

. औषधि-विज्ञान (संकलित शास्त्र)

. मानवाधिकार (संकलित शास्त्र)

प्रायोगिक- ४० अङ्क

सङ्गणकीय संस्कृत[बरहा ७.० साफ़्टवेयर द्वारा वर्ड, एक्सल, पावर पाँईट, -मेल]

.अनुवाद, . कृदन्त , . विसर्ग, व्यञ्जन सन्धि, . तद्धित, . सन्नन्त, .कारक, . छन्द

[वर्ड, एक्सेल में टाईप कर दिखाना और किन्हीं दो विषयों पर पावर-पाँईट बना कर प्रस्तुत करना, -मेल करना]

बी० ए० द्वितीय वर्ष तृतीय सेमेस्टर- [९० अङ्क, +६ कक्षा]

वैचारिक/ सैद्धान्तिक- ५० अङ्क

. राजनीति-विज्ञान, शासन-प्रबन्धन [संकलित शास्त्र]

. पर्यावरण-विज्ञान (संकलित शास्त्र)

प्रायोगिक- ४० अङ्क

सङ्गणकीय संस्कृत [बरहा आई०एम०ई० साफ़्टवेयर द्वारा वर्ड, एक्सल, पावर-पाँईट, -मेल, ब्लाग]

.संज्ञा प्रकरण, . समास, . अनुवाद ४.अशुद्धिसंशोधन ( पुस्तकशुद्धिकौमुदी),

[वर्ड, एक्सेल में टाईप कर दिखाना और किन्हीं दो विषयों पर पावर-पाँईट्, ब्लाग बना कर प्रस्तुत करना]

बी० ए० द्वितीय वर्ष चतुर्थ सेमेस्टर- [९० , अङ्क+६ कक्षा]

वैचारिक/ सैद्धान्तिक- ५० अङ्क

. ज्योतिष एवम् वास्तुशास्त्र [संकलित शास्त्र]

. आयुर्वेद एवम् योग [संकलित शास्त्र]

. व्यक्तित्व विकास

प्रायोगिक- ४० अङ्क

. सम्भाषण-कौशल

. सङ्गणकीय संस्कृत [बरहा आई०एम०ई० साफ़्टवेयर द्वारा वर्ड, एक्सल, पावर पांईट, -

मेल, ब्लाग]

. श्लोक संग्रह तथा उनका अनुवाद, [विभिन्न विषयों पर कम से कम ५० श्लोक टङ्कित करने

हैं]

.[वर्ड, एक्सेल में टाईप करके दिखाना और किन्हीं दो विषयों पर पावर-पाँईट, ब्लाग बना कर प्रस्तुत करना]

बी० ए० तृतीय वर्ष पञ्चम सेमेस्टर- [९० अङ्क, +६ कक्षा]

वैचारिक/ सैद्धान्तिक- ५० अङ्क

. दर्शनशास्त्र (सिद्धान्त एवम् अवधारणाएँ)[संकलित शास्त्र]

. साहित्यशास्त्र, नाट्यशास्त्र (सिद्धान्त एवम् अवधारणाएँ)[संकलित शास्त्र]

प्रायोगिक- ४० अङ्क

. सम्भाषण कौशल

. सङ्गणकीय संस्कृत [ आई०एम०ई० साफ़्टवेयर द्वारा वर्ड, एक्सल, पावर पांईट, -मेल,

ब्लाग]

. गद्य संकलन एवम् अनुवाद,[ कम से कम २५ पृष्ठ ए-४ साईज़ के टङ्कित करने हैं।]

. [वर्ड, एक्सेल में टाईप करके दिखाना और किन्हीं दो विषयों पर पावर्र-पाँईट, ब्लाग बना

कर प्रस्तुत करना]

बी० ए० तृतीय वर्ष षष्ठ सेमेस्टर- [९० अङ्क+६ कक्षा]

वैचारिक/ सैद्धान्तिक- ५० अङ्क

. प्रबन्धन, आर्थिक विचार, ६४कलाएँ [संकलित शास्त्र]

. वैज्ञानिक शब्दावली एवम् अवधारणाएँ [संकलित शास्त्र]

. धर्मशास्त्राधारित कर्मकाण्डीय अवधारणाएँ

प्रायोगिक- ४० अङ्क

सङ्गणकीय संस्कृत [बरहा ई०एम०ई० साफ़्टवेयर द्वारा वर्ड, एक्सल, पावर पांईट, -मेल, ब्लाग]

आंग्ल भाषा से संस्कृत तथा संस्कृत से आंग्ल भाषा में अनुवाद (कम से कम १० पृष्ठ ए-४ साईज़ के टङ्कित करने हैं]

[वर्ड, एक्सेल में टाईप कर दिखाना और किन्हीं दो विषयों पर पी० पी० टी०, ब्लाग बना कर प्रस्तुत करना]

बी० एस० सी० द्वितीय वर्ष तृतीय सेमेस्टर- [९० अङ्क+३ कक्षा]

वैचारिक/ सैद्धान्तिक- ५० अङ्क

.संस्कृत वाङ्मय का इतिहास

.तर्क-संग्रह

. मानवाधिकार

प्रायोगिक- ४० अङ्क

सङ्गणकीय संस्कृत [बरहा ७.० साफ़्टवेयर द्वारा वर्ड, एक्सल, पावर पाँईट]

१. शब्द रूप, . धातु रूप [पांच लकार में], . स्वर सन्धि

२. ५० श्लोकों का टङ्कन

[वर्ड, एक्सेल में टाईप करके दिखाना और किन्हीं दो विषयों पर पावर-पाँईट बना कर प्रस्तुत करना]

बी० एस० सी० द्वितीय वर्ष चतुर्थ सेमेस्टर- [९० अङ्क , +३ कक्षा]

वैचारिक/ सैद्धान्तिक- ५० अङ्क

. मनोविज्ञान की संकलित अवधारणाएँ

. आयुर्वेदीय औषधि-विज्ञान (भावप्रकाश)

. ज्योतिष

प्रायोगिक- ४० अङ्क

सङ्गणकीय संस्कृत [बरहा ई०एम०ई० साफ़्टवेयर द्वारा वर्ड, एक्सल, पावर पांईट, -मेल, ब्लाग]

गद्य संकलन एवम् अनुवाद, [(आंग्ल भाषा से संस्कृत तथा संस्कृत से आंग्ल भाषा में अनुवाद)

कम से कम १० पृष्ठ ए-४ साईज़ के टङ्कित करने हैं]

[वर्ड, एक्सेल में टाईप करके दिखाना और किन्हीं दो विषयों पर पावर-पाँईट, ब्लाग बना कर

प्रस्तुत करना]

विषय-सामग्री सहायक-ग्रन्थसूची-

  1. वैद्यकीयसुभाषितसाहित्यम्भास्कर गोविन्द घाणेकर, चौखम्बा सँस्कृत सस्थान, वाराणसी। वि०स० २०३३
  2. ज्योतिष मकरन्दभास्करानन्द लोहनी, रंजन पब्लिकेशन्स, दिल्ली। १९८०
  3. भैषज्यरत्नावलीगोविन्ददास,(चन्द्रप्रभा व्याख्याजयदेव विद्यालंकार), सम्पादकनरेन्द्रनाथ, लाल चन्द्र वैद्य, हरिदत्त शास्त्री, मोतीलाल बनारसीदास, दिल्ली।
  4. फ़लदीपिकामार्कण्डेय भट्टाद्रि, (भावार्थबोधिनी टीका) – सम्पादकगोपेश कुमार ओझा, मोतीलाल बनारसीदास, दिल्ली। २००४
  5. आयुर्वेदीय हितोपदेशरणजीत राय देसाई, श्री बैद्यनाथ आयुर्वेद भवन लिमिटिड, दिल्ली। २००७
  6. चरक संहिता (पूर्वोभागः, उत्तरोभागः), (अग्निवेशेन प्रणीता, चरकेण प्रतिसंस्कृता), तन्त्रार्थदीपिका व्याख्याजयदेव विद्यालङ्कार, मोतीलाल बनारसीदास, दिल्ली। २००७
  7. तर्कसंग्रहतत्त्वदीपिका जयराम रेड्डी बाम्बे संस्कृत सीरिज बम्बई, 1930
  8. पातंजल योगदर्शन - रमाशंकर भट्टाचार्य, भारतीय विद्या प्रकाशन, वाराणसी।
  9. संस्कृत साहित्य का इतिहास, डा० राधा वल्लभ त्रिपाठी(उपकुलपति-राष्ट्रिय संस्कृत संस्थान,नवदेहली)
  10. काव्यादर्शसं०- रामचन्द्र मिश्र, चौखम्बा विद्याभवन, वाराणसी, 1957
  11. भावप्रकाश-पं०लाल चन्द्र जी वैद्य
  12. वनौषधि निदर्शिका ,प्रो.राम सुशील सिंह
  13. औषधानाम् रूप विज्ञानम्,डा०संजीव कुमार लाल
  14. समराङ्गणसूत्रधार
  15. मयमतम्
  16. वास्तुराजवल्ल्भ
  17. अवहकड़ाचक्रम्
  18. नित्यकर्मपूजाप्रकाश्
  19. भारतीय वास्तु शास्त्र (संकलनकर्ता-डा०शुकदेव चतुर्वेदी,श्री लाल बहादुर शास्त्री संस्कृत विद्यापीठ,कटवारिया सराय,नवदेहली-११००१६
  20. गरूड़ पुराण
  21. विश्रुतचरितम्
  22. .मनुस्मृति
  23. याज्ञवल्कयस्मृति
  24. वाल्मीकिरामायण
  25. सन्धि प्रकरण, डा० जनार्दन हेगड़े, संस्कृतभारती,’अक्षरम्’ , ८ उपमार्गः,२ घट्टः, गिरिनगरम्,बेङ्गलूरु-५६००८५
  26. समास प्रकरण, डा० जनार्दन हेगड़े, संस्कृतभारती,’अक्षरम्’ , ८ उपमार्गः,२ घट्टः, गिरिनगरम्,बेङ्गलूरु-५६००८५
  27. कारक प्रकरण, डा० जनार्दन हेगड़े, संस्कृतभारती,’अक्षरम्’ , ८ उपमार्गः,२ घट्टः, गिरिनगरम्,बेङ्गलूरु-५६००८५
  28. शुद्धिकौमदी, डा० जनार्दन हेगड़े, संस्कृतभारती,’अक्षरम्’ , ८ उपमार्गः,२ घट्टः, गिरिनगरम्,बेङ्गलूरु-५६००८५
  29. वृत रत्नाकर,पिङ्लविरचितम्अ
  30. श्रुतबोध,कालिदासविरचितम्
  31. कौटिल्य-अर्थशास्त्र

सर्वेक्षणनिष्कर्ष


सर्वेक्षणनिष्कर्ष

(प्रस्तुत सर्वेक्षण का मूल उद्देश्य यह जानना है कि संलग्नित नवीन पाठ्यक्रम के अनुरूप शिक्षण के द्वारा संस्कृत को कितना आधुनिक-व्यावसायिक-वैज्ञानिक-रोजगारोन्मुख बनाया जा सकता है।

सर्वेक्षण हेतु

१. एस.डी.कालेज, अम्बाला छावनी,

२.जी.एम.एन.कालेज, अम्बाला छावनी

३.आर्य गर्ल्ज कालेज, अम्बाला छावनी

४.सोहन लाल डी.ए.वी कालेज, अम्बाला शहर

५.पञ्जाबी विश्वविद्यालय ,पटियाला

६.वि.वि.वैदिक शोध संस्थान,होशियारपुर

७.पंजाब विश्वविद्यालय ,चण्डीगढ़

८.कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरूक्षेत्र

९.श्री बाबा हरिदित्त गिरि संस्कृत कालेज ,सरहिन्द शहर

१०.श्री दी.कृ.कि.स.धर्म संस्कृत कालेज, अम्बाला छावनी

११.राजकीय महाविद्यालय , अम्बाला छावनी

१२.डी.ए.वी,कालेज,नन्योला, अम्बाला शहर

१३.हरियाणा संस्कृत अध्यापक संगठन (अम्बाला मण्डल)

उपरोक्त विद्यालयों/ महाविद्यालयो/विश्वविद्यालयो से ३०० संस्कृत अध्यापकों-शोध-छात्रों-स्नातकछात्रों को प्रतिदर्श, हेतु चुना गया, जिसमें ४०% महिलाएँ थी। )

विश्लेषण से प्राप्त आंकड़े

१.क्या आप प्रचलितपाठ्यक्रम से सन्तुष्ट हैं ?

हाँ =--

नहीं =९५%

पता नहीं=५%

[अतः प्राप्त आंकड़ो से स्पष्ट है कि बहुमत प्रचलित पाठ्यक्रम से सन्तुष्ट नहीं हैं।]

२.क्या आप संस्कृतपाठ्यक्रम का नवीनीकरण चाहते हैं ?

हाँ=१००%

नहीं= --

पता नहीं=--

[सभी संस्कृत का नवीनीकरण चाहतें हैं]

३.क्या आप संस्कृत के संलग्नितपाठ्यक्रम के पक्षधर अथवा सन्तुष्ट हैं ?

हाँ=९२%

नहीं=२%

पता नहीं=६%

[अतः नूतनपाठ्यक्रम क्रियान्वित हो।]

४.क्या इस नये पाठ्यक्रम के अध्ययन से रोजगार के नये आयाम स्थापित हो सकते हैं? हाँ=८७%

नहीं=३%

पता नहीं=१०%

[अधिक अभिमत यह स्वीकार करता है कि नवीन पाठ्यक्रम रोजगारोन्मुखी है।] ५. क्या वर्तमानप्रचलितपाठ्यक्रम आधुनिक समस्याएँ समझने एवम् सुलझाने में किसी प्रकार भी सहायक है ?

हाँ=४%

नहीं=८८%

पता नहीं=८%

[अधिकांश अभिमत नकारात्मक होने से प्रचलित पाठ्यक्रम में परिवर्तन आवश्यक हैं।]

६. क्या संस्कृत अध्यापकों की छात्रों के प्रति आजीविका के सम्बन्ध में कोई नैतिक उत्तरदायित्व है ?

हाँ=९८%

नहीं=--

पता नहीं=२%

[अतः संस्कृत अध्यापक अन्य व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के समान आजीविका के सम्बन्ध में अपने उत्तरदायित्वों को स्वीकार करें]

.क्या संस्कृतविद्यार्थियों को संगणकशिक्षा (computer-education)अपेक्षित हैं ?

हाँ=१००%

नहीं=--

पता नहीं=--

[सभी शिक्षणसंस्थानो में संस्कृतमय संगणकप्रयोगशाला होनी चाहिए।जिसमें प्रतिदिन प्रायोगिकपक्ष पर ध्यान दिया जाए।]

८.क्या प्रायोगिकसम्भाषणकक्षा के माध्यम से संस्कृतसम्भाषणदक्षता का सम्पादन हो सकता हैं ?

हाँ=८३%

नहीं=७%

पता नहीं=१०%

[आंकड़ो से स्पष्ट है कि अधिकांश लोग संस्कृतभारती द्वारा स्वीकृत प्रायोगिकसम्भाषणशिक्षाप्रणाली के पक्ष में है।]

९.क्या प्रतिव्यक्ति वनस्पतिशास्त्र को पढ़कर पर्यावरणसंरक्षण में सहायक हो सकता हैं ? हाँ=७९%

नहीं=६%

पता नहीं=१५%

[बहुमत के अनुसार संस्कृत का स्वस्थ चिन्तन ही पर्यावरण सरंक्षण मे सहायक है।]

१०.क्या संस्कृतग्रन्थों के माध्यम से पाठ्यक्रम के सभी विषयों का अध्ययन व अध्यापन सम्भव हैं? यथा (मनोविज्ञान, प्रबन्धन, समाजशास्त्र, राजनीतिविज्ञान, मानवाधिकार, ज्योतिष, वास्तुशास्त्र, अर्थशास्त्र)

हाँ= ७२%

नहीं= ९%

पता नहीं=१९%

[संस्कृत वाङ्मय में सभी विषय पूर्णतः निहित व संरक्षित हैं।]

११.क्या संस्कृत नूतन पाठ्यक्रम के माध्यम से नैतिकसमाज का निर्माण कर सकती है ?

हाँ=१००%

नहीं=--

पता नहीं=--

[संस्कृत वाङ्मयों में निहित नीति शास्त्रों के सद्विचारों से सभी परिचित हैं।]

१२.क्या प्रत्येक व्यक्ति मानवाधिकार विषय को पढ़कर सर्वकारीय/ अर्ध-अर्ध-सर्वकारीय/ एन०जी०ओ० की परियोजना का सहयोगी हो सकता है ?

हाँ=९३%

नहीं=२%

पता नहीं=५%

[बहुमत के अनुसार आधुनिक परिप्रेक्ष्य में मानवाधिकार विषय अत्यावश्यक है।अतः इसे संस्कृत पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए।]

१३.क्या संस्कृत का सूचनाप्रौद्योगिकी/ भाषाप्रौद्योगिकी व जनसञ्चारप्रौद्योगिकी से सम्बन्ध स्थापित होना चाहिए ?

हाँ=८७%

नहीं=३%

पता नहीं=१०%

[जनसमुदाय संस्कृतभाषा को सूचनाप्रौद्योगिकी व जनसञ्चारप्रौद्योगिकी से जोड़ने का इच्छुक हैं।]

१४. क्या आज तक संस्कृत पाठ्यक्रमों में परामर्शपद्धतियों की कोई तकनीक (Counselling-Techniques) अपनाई गई है?

हाँ=४%

नहीं=३१%

पता नहीं=६५%

[संस्कृत पाठ्यक्रम में परामर्शपद्धतियों की तकनीकों को शामिल कर संस्कृत वाङ्मय के अन्तर्गत इन विधियों से परिचित कराया जा सकता है।]

१५.क्या प्रतिव्यक्ति आयुर्वेद के माध्यम से प्राथमिक-उपचार (First-Aid) की शिक्षा प्राप्त कर सकता है?

हाँ=९१%

नहीं=४%

पता नहीं=५%

[बहुमत उपरोक्त तथ्य का पक्षधर है।]

१६. क्या संस्कत-पाठ्यक्रम में योगशिक्षा सम्मिलित होनी चाहिए?

हाँ=१००%

नहीं=--

पता नहीं=--

[योग के प्रति बढ़ती हुई अभिरूचि उपरोक्त तथ्य को स्वयम् प्रमाणित करती है।]

१७.क्या संस्कृत-अध्यापक अपनी सन्ततियों को संस्कृत पढ़ातें है ?

हाँ=७%

नहीं=९१%

पता नहीं=२%

[अधिकांश संस्कृत-अध्यापक अपनी सन्ततियों को संस्कृत नहीं पढ़ातें है। क्योंकि प्रचलित संस्कृत पाठ्यक्रम से आजीविका प्राप्ति कठिन है।]

१८.क्या संस्कृतविद्यार्थी समाज का नेतृत्व करने में सक्षम होते हैं?

हाँ=६२%

नहीं=२४%

पता नहीं=१४%

[संस्कृत का नवीनीकरण ही संस्कृतछात्रों में सक्षम नेतृत्वशक्ति पैदा कर सकता है।]

१९.क्या वर्तमान संस्कृत पाठ्यक्रम छात्रों के अन्तर्निहित गुणों के विकास मे सहायक है? हाँ=९३%

नहीं=५%

पता नहीं=२%

[बहुमत सकारात्मक है।]

२०.क्या आप विज्ञान के नये दौर में संस्कृतशिक्षण की पुरानी पद्धतियों का समायोजन उचित समझते हैं?

हाँ=७%

नहीं=९०%

पता नहीं=३%

[आधुनिक समय की माँग एवम् प्रतियोगिता को देखते हुये यह आवश्यक है कि विज्ञान के नये दौर में संस्कृत शिक्षण को भी अधिक नवीन तथा वैज्ञानिक बनाया जाना चाहिए।]

२१.क्या भगवद्गीता तथा दार्शनिक सम्प्रदायों के आधार पर ज्ञान प्रबन्धन किया जा सकता है?

हाँ=१५%

नहीं=५%

पता नहीं=८०%

[पूर्ण विश्व में संस्कृत भगवद्गीता ही सभी के लिए ज्ञान प्रबन्धन हेतु सहायक हो सकती है।]

(पीयूष अग्रवाल) (राजेश कुमार)

अध्यक्ष: उपाध्यक्ष