लो एक नई सतरंगी किरण
चलो एक बार फ़िर
सूरज की किरणॊं से बुना
इक स्वेटर
किसी ठण्ड से सिकुड़ते बच्चे को पहना दें
या फ़िर चमकती किरणॊं का भॊजन
किसी भूखे को करा दें
या फ़िर
रोशन किरणों से किसी का भय दूर हटा दें
या फ़िर
बर्फ़ से जमे भावों को पिघला दें
मनुष्यता को इक विश्वास दिला दें
कि यह सूरज अभी जीवित है
साँस लेता है और कभी कभी
गुनगुनाता भी है
चलो इस वर्ष नई सुबह में
फ़िर सूरज से हाथ मिलाएँ
इक नई दुनिया बनाएँ